तुम अभी से हार जाने की बात करते हो ! तुम अभी से हार जाने की बात करते हो !
क्या इस प्रेम की राह में आज भी मैं अकेली हूँ ? क्या इस प्रेम की राह में आज भी मैं अकेली हूँ ?
इतनी खामोशी से लफ्ज़ों को संभाला है "पवन", हर जुबां पर तुम्हारी ग़ज़लें चल रही हैं। इतनी खामोशी से लफ्ज़ों को संभाला है "पवन", हर जुबां पर तुम्हारी ग़ज़लें चल र...
तुम्हें एहसास नहीं है प्रियतम तुमने क्या खोया है..! तुम्हें एहसास नहीं है प्रियतम तुमने क्या खोया है..!
आँखें देतीं सर्वस्व वार जो तुम आ जाते एक बार। आँखें देतीं सर्वस्व वार जो तुम आ जाते एक बार।
तुम देर रातां तक ख़यालों में दौड़ीं। तुम देर रातां तक ख़यालों में दौड़ीं।